सुना है जालिमो ने वाह वाह है बटोरी
सत्ता धन और बचाव के लालच में
जुल्म के गुलामी की हाथ ली कटोरी
बेबुनियाद वक्त बेदर्द बढ़ता गया
कोई खुर्सी से दुःख से उतर गया
तो कोई खुशी से ऊपर चढ़ता गया
लाचार जनता चुपचाप सहती रही
जिल्लत लगी नहीं बस घुटन बढ़ती गई
बारिश आई और भिगोंके चली गई
कब तक छुपोगे कर्मो से अपने
कब तक जिओगे झूठे सपने
एक दिन मौत बेरहम हो जाएगी
सत्ता ताकत एक संग जल जाएगी
बाकी रहेगी तो बस एक बात
सुर्खियां सुर्खियां सुर्खियां और बस
खुर्सियों की सुर्खियां
- रानमोती / Ranmoti