मृत्यु पश्चात् भी उतर ना पाया
जीवन सरल बनाने की कोशिश में
खुद ही कागज में उलझ गया
नियम इतने भारी भक्कम थे
याद कर के भी रख ना पाया
अवसर इतने लजीज थे
भूल भूल कर भी भूल ना पाया
कागज का सफ़ेद काला खेल
ख़ुशी से कभी ना खाता मेल
जीवन कागज के डिब्बे की रेल
सवार ना हो सका वो यात्री फेल
आंधी हो या तूफान सहता रहा घाव
जीवन सागर तो कागज नाँव
जो चल सका उसका बेडा पार
जो रुक गया उसकी नैय्या दरकिनार
- रानमोती / Ranmoti