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Tuesday, June 7, 2022

विजयी हो..

 



धरा पर तेरी ही विजय का,
जय जयकार हो
तू इच्छा पूर्तिका
अखंड स्त्रोत बने
यही जन-जन जीवन की
मनोकामना हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो.....

पवित्र निर्मल चरित्र की
तू मिसाल हो
सागर सा विराट
सूर्य सा प्रखर तेज बने
विद्वान् भी दर्शन ले
वो तू मूरत हो
धरा पर तेरी ही विजय का
महाप्रलय हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो

मुस्कान से तेरे मिटे दुःख
सुख की अनुभूति हो
कुबेर से परे धनवान
तेरा साम्राज्य बने
हर कोई सुनना चाहे
वो तू पुकार हो
धरा पर तेरी ही विजय की
मनोधारणा हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो

निष्काम कर्म से चेहरा तेरा
अधोरेखित हो
तू बने किरण होने की
ना होने की
कोई वजह ना हो
हर दिल को पसंद आये
वो तू मोहब्बत हो
धरा पर तू ही परमसत्य
बस यही, सन्मान हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो

- रानमोती / Ranmoti

Tuesday, May 3, 2022

सम्राट


तपता सोना काया धारी
अदम्य साहस सीना ताने
शांत स्वरुप एकाग्र चित्त
बुद्धि चातुर्य का वो नाथ
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट


किलकारी असीम वीरता की
अखंड सोच की तलवार
समर्पण का है वो द्योता
कभी ना झुका उसका माथा
काल का जो कपाल चीरता
नियति का भी खेल बदलता
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट

उसके पदचिन्ह की धूल
उड़ेगी बनकर तूफान
कोई न टकरा पायेगा
वह फिर से सजकर आएगा
आँखों में भविष्य के फूल खिलेंगे
भारतवर्ष को अपने सम्राट मिलेंगे
संगम का वह उत्सव होगा
स्वरगीतपर एक ही नाम होगा
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट

फिर से सरिताए बहेगी खुशी से
अभिषेक होगा पावन तीर्थ से
फूलो की वरमाला लेकर खड़े
रहेंगे सब एक होकर जुड़े
शब्द बनेंगे उसकी मुस्कान
लौटेगी खुशयाली की शान
प्रजा करेगी सुख से राज
सृष्टि में प्रिय राजाधिराज
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट

- रानमोती / Ranmoti

Saturday, April 23, 2022

इत्मीनान से

देखो कोई जल्दबाजी मत करना
चीजों को ध्यान से परखना
फिर उसपर विचार विमर्श करना
अनुभव की कसोटी से समझकर
अपनी सोच की धरोहर प्रकट करना
मगर इत्मीनान से

विचारोंकी धारावोंसे निर्णय जन्म लेते है
निर्णय के बहाव में जीवन बहता जाता है
सुख दुःख के कंकरोसे नदी रूप लेती है
कभी महापुर तो कभी सुखी रह जाती है
जीवन सागर को मिलने से पहले
तुम अपने हर रूप का आनंद लेना
मगर इत्मीनान से

कुछ पाने और खोने का एहसास
सिर्फ शांति में ही समझना
क्योंकि तेज धारावोमें सब बह जाता है
जहा बहाव शांत होता है
वही जीवन फूलता है
जीवन मुफ्त में मिला ईश्वरी दान है
कभी जो ना दिखे उसे भी शुक्रिया कहना
मगर इत्मीनान से

अगर संसार के तुम स्वामी ना बन सके
तो कुछ ना कुछ बन ही जाओगे
अपने परिश्रम के जोर पर
जिंदगी की दौड़ जित ही जाओगे
भागते भागते कभी थक भी गए
तब अपनी थकान मिटा ने के लिए
तुम विश्राम जरुर करना
मगर इत्मीनान से

- रानमोती / Ranmoti

Wednesday, December 8, 2021

धूसर वाटा


कधीतरी ह्या धूसर वाटा
अलगद मोडून जातील
आजच्या ओल्या पाऊल खुणा
उद्याच्या उन्हात सुकून जातील
कालच्या जगण्याच्या आठवणी
मनाच्या खळग्यात कुजून जातील
जगण्याला अर्थ मिळो ना मिळो
माणसे मात्र अशीच जगून जातील

झेप महत्वकांक्षी इतकी मोठी
पार क्षितिजेही संपून जातील
टणक डांबरी रस्ते
वाड्या पाड्या पिंजून जातील
म्हातारी मायबाप दोन पैश्यांसाठी
पाय घासत संपून जातील
उनाड तरुणाई शान शोकापायी
सुसाट गाड्या उडवित जातील

भिन्न दोन मतांचा अलिप्त ओघळ
शांत स्वरात वाहत जाईल
सुख दुःखाच्या सुंदर दालनात
जीवन निरंतर श्वास घेत जाईल
कधीतरी ह्या धूसर वाटा
अलगद मोडून जातील
जगण्याचा अर्थ कळो ना कळो
माणसे मात्र अशीच जगून जातील

- रानमोती / Ranmoti

हे निराकार



हे निराकार ले आकार हो साकार
तु मित्र बन चित्र देख सखे मेरे नेत्र
तु सुप्त तु गुप्त मै तृप्त कर मुक्त
तु निवास तु आवास तु विकास
तु प्रार्थना तु साधना तु आराधना
तु कर्म तु मर्म तु धर्म
तु श्वास तु ध्यास तु उपवास
तु शांती तु भ्रांती तु विश्रांती
तु भव्य तु काव्य तु दिव्य
तु समाधान तु वरदान तु गुप्तदान
तु सम्मान तु अरमान तु प्रमाण
तु आधार तु उदार तु साक्षात्कार
तु धैर्य तु शौर्य तु सुर्य
तु युध्द तु शुध्द तु बुद्ध
तु क्षण तु कण तु मन
तु आरंभ तु स्तंभ तु जगदंब
तु अभिलाषा तु विलाषा तु आशा
तु फल तु निर्मल तु कमल
तु स्थापना तु कामना तु सामना
हे निराकार ले आकार हो साकार

- रानमोती / Ranmoti

Monday, December 6, 2021

ज्ञानमोती

ज्ञान सागरातुनी ज्ञानमोती फुलला
करण्या सार्थ जीवा दिनरात झटला
सांगुनी सत्यपथ सारा विश्व फिरला
भारतरत्नाने तो विश्वरत्न नटला
ज्ञान सागरातुनी ज्ञानमोती फुलला

अंधारल्या वाटेला प्रकाशुनी निघाला
उच्चनिचतेच्या सरीने नजाणे कितीक भिजला
होण्या समान सारे पेटुनी तो उठला
झाला सुखी जन न्यायास जो मुकला
ज्ञान सागरातुनी ज्ञानमोती फुलला

शोधण्या सत्य पथाला फुले शिष्य बनला
धुडकावूनी रूढी परंपरा मनुस्मृतीशी नडला
गणतंत्र दाऊनी जना महायोगी गणला
त्यागुनी स्वधर्म बुद्ध पायी नमला
ज्ञान सागरातुनी ज्ञानमोती फुलला

उठ रे जना तू सरसावण्या स्वत:ला
लढण्याआधीच भल्या असा का दमला
चालुनी नव वाटेला अज्ञानाने का हेरला
विसर का पडला तुजसाठी संविधान रचला
ज्ञान सागरातुनी ज्ञानमोती फुलला

- रानमोती / Ranmoti




Wednesday, November 24, 2021

रानमोती काव्यसंग्रह को “साहित्य भूषण” पुरस्कार


अखिल भारतीय मराठी साहित्य आंदोलन के प्रमुख केंद्र मराठी साहित्य मंडल की ओरसे इस वर्ष का साहित्य क्षेत्र का महत्वपूर्ण साहित्य भूषण पुरस्कार महाराष्ट्र के वाशिम जिल्हे की मिट्टी से जुड़ी मुंबई की युवा साहित्यकार रानी अमोल मोरे - उलेमाले के रानमोती काव्यसंग्रह को सातारा में हालही में सम्पन्न हुए तृतीय डा. बाबासाहेब आंबेडकर साहित्य सम्मेलन में प्रदान किया गया । 

इस साहित्य सम्मेलन का उध्दाटन वरिष्ठ विचारवंत राजरत्न आंबेडकर ने किया तथा सम्मेलन अध्यक्ष के रुप में सिक्कीम के पूर्व राज्यपाल तथा महान विचारक डा. श्रीनिवास पाटिल व स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ विचारक एड. गौतम सरतापे उपस्थित थे तथा मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व न्यायाधीश व वरिष्ठ विचारक रावसाहेब झोडगे, वरिष्ठ साहित्यिकार डा. जयप्रकाश घुमटकर, कवयित्री ललिता गवांदे, कवयित्री नीलीमा जोशी, लेखक विनायकराव जाधव उपस्थित थे । 

रानमोती वैसे तो वऱ्हाड वार विदर्भ पर्यटन पर आधारित काव्यसंग्रह के बाद आया रानी मोरे का दूसरा ही काव्य संग्रह है फिरभी जीवनावश्यक विषय पर बेहद गंभीर और निरागस रुप से भाष्य करनेवाला, अनावश्यक रुढ़ी प्रथाओं पर आघात करनेवाला, आ‍धुनिक काल के मराठी काव्य क्षेत्र में विभाग निहाय प्रस्तुति करनेवाला, प्रिंट तथा डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध पहला ही काव्य संग्रह होने से साहित्य भूषण पुरस्कार के लिए चुने जाने का प्रतिपादन वरिष्ठ साहित्यिकार तथा चयन समिति अध्यक्ष डा. जयप्रकाश घुमटकर ने स्पष्ट किया । 

पुरस्कार स्वीकारते समय रानी अमोल मोरे - उलेमाले ने मराठी साहित्य मंडल का आभार व्यक्त करते हुए दैनदिन मानवी जीवन के लिए उपयोगी और प्रगति के लिए जिम्मेदार साबित होनेवाली जीवन उपयोगी बातों पर लेख को मराठी साहित्य में भारी तादाद होने की बात स्पष्ट की । साथही महाराष्ट्र के साहित्य क्षेत्र को देशस्तर पर पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास करने की बात भी कही 


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