मैंने अक्सर खामोश रहना पसंद किया, पर पता चला लोग अपनी अपनी राय बनाकर बात करना शुरू कर दे, उससे पहले मेरा बात करना जरूरी है। पेड़ पर सुन्दर सुन्दर फुल खिलेते है । हरे हरे पत्ते भी साथ में अपना रंग जमाते है। लोग उन फूल पत्तों को कमजोर समझकर तोड दे, उससे पहले पेड को अपने काँटों को उगाना भी जरूरी है। मैंने अक्सर साधा जिवन व्यतीत करना पसंद किया, पर लोग छोटा सा हवा का झोका समझकर मेरी मौजुदगी को ही नजरअंदाज कर दे, उससे पहले मुझे आँधी, तुफान बनना जरूरी है। मुझे दिखावे से ना नफरत है, ना प्रेम। हमेशा मैंने अपने तरीकों से चलना पसंद किया। पर लोगों का मेरे प्रति बरताव का तरीका बदल जाये, उससे पहले मुझे भी अपने तौर तरीके आजमाना जरूरी है। जीवन में संभावनाएं, मुझे अपने कर्मो से मिली है। मै चाहू तो ठुकराऊ, मै चाहू तो अपनाऊ। पर लोग मेरी संभावनाओ को ही ठुकराये, उससे पहले, मुझे खुद एक स्वयंरचित संभावना बनना जरूरी है।
मैंने अक्सर खामोश रहना पसंद किया, पर पता चला लोग अपनी अपनी राय बनाकर बात करना शुरू कर दे, उससे पहले मेरा बात करना जरूरी है। पेड़ पर सुन्दर सुन्दर फुल खिलेते है । हरे हरे पत्ते भी साथ में अपना रंग जमाते है। लोग उन फूल पत्तों को कमजोर समझकर तोड दे, उससे पहले पेड को अपने काँटों को उगाना भी जरूरी है। मैंने अक्सर साधा जिवन व्यतीत करना पसंद किया, पर लोग छोटा सा हवा का झोका समझकर मेरी मौजुदगी को ही नजरअंदाज कर दे, उससे पहले मुझे आँधी, तुफान बनना जरूरी है। मुझे दिखावे से ना नफरत है, ना प्रेम। हमेशा मैंने अपने तरीकों से चलना पसंद किया। पर लोगों का मेरे प्रति बरताव का तरीका बदल जाये, उससे पहले मुझे भी अपने तौर तरीके आजमाना जरूरी है। जीवन में संभावनाएं, मुझे अपने कर्मो से मिली है। मै चाहू तो ठुकराऊ, मै चाहू तो अपनाऊ। पर लोग मेरी संभावनाओ को ही ठुकराये, उससे पहले, मुझे खुद एक स्वयंरचित संभावना बनना जरूरी है।
No comments:
Post a Comment
Your valuable comments are highly appreciated and very much useful to further improve contents in this Blog.