ईश्वर, आप हमेशा पहेली बनकर रहे हमारे बिच, ताकि हमारे जीवन की उत्सुकता बरक़रार रहे आप हमारे पास हवा बनकर लहराए हरपल, ताकि हमारी नसों नसों में जीवन का राग भर सके हम सोये तो आप ह्रदय की धड़कन बन जागे भीतर, ताकि सुबह की पहली किरण हमें एहसास दे पाए आप खुदको भुला देते हो हमारे जहन से, ताकि हम मशगूल रहे जीवन की रंगीन यादों में आपने अनंत उपकारों का हमपर लगा दिया घेरा, और कभी कहा भी नहीं की नाम लो मेरा आप हर वो रास्ता बनाने में व्यस्त रहते हो हरदम , जिसकी भी हमें तहे दिलसे से तलाश हो हे प्रभु समंदर के बीचोबीच खड़ा जीवन है, जहा से कोई किनारा दिखना असंभव है हमें तो यह भी पता नहीं की हम जिस महासागर में है, उसकी कोई सिमा या फिर कोई किनारा भी है हमने इस विशाल जलाशय का तट सोचा नहीं, पर कोई नौका सवार है जो रास्ता दिखा रहा है उसने कहा यहाँ किनारे एक दो या तीन नहीं अनंत है, तुम तैरते रहो किनारा खुदबखुद मिल ही जायेगा हमें पता है शायद हम उस तक कभी पोहच ही न पाए, पर उसकी आस से किसी एक दिशा में तैरना होगा क्या पता ईश्वर मेहरबान हो और किनारा दिख जाये, और समंदर का पानी पीछे हटकर किनारा समीप आ जाये