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Wednesday, December 28, 2022

बेवजह


कभी कभी ज्यादा ज्ञान
डर पैदा करता है
अज्ञानी का ज्ञान ही उसे
निडर दिखलाता है

शोर में हर कोई
चीखता चिल्लाता है
ख़ामोशी में चुप्पी साध
विनम्र दिखलाता है

वजह ढूंढ़कर कई
निर्णय जन्म लेते है
बेवजह तो हम यूँही
खुदको भूल जाते है

बेवजह मन में अगर
कोई विचार पनपता है
तो उसे घटने की संभावना
शत प्रतिशत होती है

कुछ पाने के लिए
सोच तो तभी पाएंगे
जब करने के लिए
कटिबद्ध हो जायेंगे

हमें ज्यादा की
जरुरत तो नहीं
पर जरूरतों से मुँह
फेरना भी नहीं

जिंदगी के अंत तक
कुछ ना कुछ अच्छा हो हमसे
जब हिसाब करने बैठे
बेवजह ना लगे जीवन खुदसे

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