
बंसी पूरी खाली खाली
फिर भी बोले मधुर बोली
ना तुझमें कोई गांठ है
ना कही भाये आठ है
बिन बजाये तू ना बजती
कृष्ण के सुन्दर होठो पे सजती
सांसो की फूँक बनकर
तुझमे विराजित खुद परमेश्वर
मधुर नाद तेरी निपुणता
तू निर्गुण तू ही सगुणता
तू सिखलाती जीवन आशा
तेरी मधुरता मदहोश निशा
ईश्वर जो तुझमे घोले
संगीत बन तू सृष्टि से बोले
तेरी चतुर निरंतर भाषा
जीवन पाये नई दिशा
तेरी कठोरता भी मंजूर है
तेरे कर्म जो ईश्वर के समीप है
है बासुरी तू एक अतुल्य वाद्य है
कृष्ण संग तेरा अदभुत मिलाप है
- रानमोती / Ranmoti