स्मित निर्दोष ब्रम्हाण्ड व्यापक
सिद्ध समृद्ध आनंदमय ऊर्जा
मन मन स्थित कण कण कान्हा
मोरपंख श्रुत अलंकार कृत शृंगार
तू जीवन तू आदर्श तू ही उपकार
कर्णकुंडल नभमंडल तू यज्ञ सर्वज्ञ
नेत्र चक्षु मन भिक्षु तू रक्षु कान्हा
हे निराकार कर उद्धार बन कगार
जग तेरा निकुंज तू माली नंद मुकुंद
नयन पंकज पुष्प प्रेमरस भरे
दर्शन मात्र मोक्ष भय सारे तू ही हरे
मन मन स्थित कण कण कान्हा
- रानमोती / Ranmoti
Happy Janmashtami..
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