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Thursday, July 28, 2022

अपरिहार्य

नित्य, नैमित्य, निष्काम संचित
रूपों में विभाजित हूँ मै कर्म
प्रारब्ध में अवतरित होकर
अंततः संस्थापित हूँ मै कर्म

मर्त्य की पराकाष्ठा उद्यम कर
नतीजतन निष्कर्ष हूँ मै कर्म
अभ्युदय: निःश्रेय प्राप्ति का
स्वयंरचित योग हूँ मै कर्म

भुत भविष्य वर्तमान का
सृजन मिलाप हूँ मै कर्म
गीता से सयंभु प्रकट
समूचा तात्पर्य हूँ मै कर्म

धर्म से भी बड़ा ईश्वरीय
अपरिहार्य पथ हूँ मै कर्म
सुख दुःख प्राप्ति का संयोग
मनुष्य को अपरिहार्य हूँ मै कर्म
- रानमोती / Ranmoti


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