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Monday, July 25, 2022

अनुपम

तू हाथ उठा दे अनुपम
वनराज के भाती
नजर भिडादे अनुपम
वनराज के भाती
अगर हो
अहन पर आघात
खड्ग उठाके
तू कर प्रहार
तू हाथ उठा दे अनुपम
वनराज के भाती

तेरे वित्त की ना हो चोरी
कल की भोर भी हो तेरी
अवनि जित ना ले बैरी
यज्ञांगी मोहित और सुनहरी
उससे पहले
तू हाथ उठा दे अनुपम
वनराज के भाती

भवसागर विजय लिखित
मस्तिष्क दिव्य तेरा
घन से घना
कष्ट में उजियारा
विजयपथ की
एकमात्र अभिलाषा
ना कल हो
दिवाकर की निराशा
उससे पहले
तू हाथ उठा दे अनुपम
वनराज के भाती
नजर भिडादे अनुपम
वनराज के भाती

- रानमोती / Ranmoti




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