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Friday, June 25, 2021

रास्तें है खुले हुए


रास्तें है खुले हुए
मंजिलो से जुड़े हुए
कुछ इरादों से बुने हुए
कुछ पत्थरों से घिरे हुए

चलने को पैर भी तैयार है
चलो कहने का इंतजार है
अफ़सोस तो कुछ नहीं है
बस शुरवात का मंजर है

आखिर पहुंचना होगा
खुद को तराशना होगा
राह देखकर कुछ न होगा
मंजिलो को पास लाना होगा

साथ मिला तो चलते रहो
कोई छूटा तो भूलते रहो
बस इरादों में हौसला भरते रहो
जीवन का समां बांधते रहो 

- रानमोती / Ranmoti


 

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