रास्तें है खुले हुए
मंजिलो से जुड़े हुए
कुछ इरादों से बुने हुए
कुछ पत्थरों से घिरे हुए
चलने को पैर भी तैयार है
चलो कहने का इंतजार है
अफ़सोस तो कुछ नहीं है
बस शुरवात का मंजर है
आखिर पहुंचना होगा
खुद को तराशना होगा
राह देखकर कुछ न होगा
मंजिलो को पास लाना होगा
साथ मिला तो चलते रहो
कोई छूटा तो भूलते रहो
बस इरादों में हौसला भरते रहो
जीवन का समां बांधते रहो
- रानमोती / Ranmoti