Search This Blog

Tuesday, April 27, 2021

..बस साँस लेना



पल भर का होगा मेला
फिर जीवन अकेला
तू सिखले आदमी जीना
सुकून से बस साँस लेना

जहाँ में सबका बसेरा
हर ख़्वाब लगे तुझे तेरा
हकीकत में यहाँ कोई न तेरा
जी ले बस हरपल नया सवेरा

जब हसे तेरी मुस्कान
समझ खुदा है मेहरबान
मांग ले मन्नत कदरदान
बस साँस लेना हो आसान

कठनाई में याद आये खुदा
वरना सुख में तू खुदपर ही फ़िदा
अब बस सब्र को बना अपनी अदा
मौत का खौप भी रहेगा तुझसे जुदा

. . . तू सिखले आदमी जीना,
सुकून से बस साँस लेना।

- रानमोती / Ranmoti


No comments:

Post a Comment

Your valuable comments are highly appreciated and very much useful to further improve contents in this Blog.

Recent Posts

तू राजा मी सेवक (Vol-2)

- रानमोती / Ranmoti

Most Popular Posts