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Saturday, April 10, 2021

काल से काला उजियाला..



काल से काला उजियाला था
इंसानी जीवन बिन ज्ञान का
ख़ुद घायल हो तीर सहता था
नारी को कवच लगाया शिक्षा का

समता के अनंत यद्ध में लाचार
पिछडो की तेज करा दी तलवार
सत्य को जिसने बनाया जीवन सार
जोति था मानवता की बुलंद धार

सोच थी तेरी सच्ची और कठोर
असत्य की लड़ाई लड़ी घनघोर
तू लड़ता रहा जीवन के अंत तक
तू महात्मा रहेगा अनंत काल तक

ना बांटो योद्धा को अपने हिसाब से
मुक्त करदो उनके विचार किताबो से
लगाके तिलक उनके सच्चे कर्मों का
बंद करदो डंका बजाना अधर्मियों का
- रानमोती / Ranmoti



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