तू खुद ही अपना सूरज बन
राह के अँधेरे को दूर कर
सोच के दायरों से बाहर निकल
जिंदगी के मुकाम हासिल कर
पत्थरों का काम है रास्ता काटना
तू उनसे उलझना छोड़कर
लगी ठोकरों से सीखकर
फूलो को समेटना शुरू कर
तू खुद ही अपना सूरज बन...
अच्छे बुरे अपने पराये जो मिले
सुख के सब साथी सोच कर
खुद अच्छाई की राह पकड़
हो सके तो सबको मदद कर
तू खुद ही अपना सूरज बन...
कैसे मिला तुझे किनारा
मिले जब मंजील याद कर
सोच अब नए मुकाम आगे
हौसला अपना बुलंद कर
तू खुद ही अपना सूरज बन..
राह के अँधेरे को दूर कर
सोच के दायरों से बाहर निकल
जिंदगी के मुकाम हासिल कर
पत्थरों का काम है रास्ता काटना
तू उनसे उलझना छोड़कर
लगी ठोकरों से सीखकर
फूलो को समेटना शुरू कर
तू खुद ही अपना सूरज बन...
अच्छे बुरे अपने पराये जो मिले
सुख के सब साथी सोच कर
खुद अच्छाई की राह पकड़
हो सके तो सबको मदद कर
तू खुद ही अपना सूरज बन...
कैसे मिला तुझे किनारा
मिले जब मंजील याद कर
सोच अब नए मुकाम आगे
हौसला अपना बुलंद कर
तू खुद ही अपना सूरज बन..
- रानमोती / Ranmoti
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