उसे जड़ों तक उतारना होगा
रास्तों से कुछ ना होगा
उसे मंजिल तक जोड़ना होगा
विचारोंके बदलाव से कुछ ना होगा
उन्हें लोगो तक पहुँचाना होगा
खाली विकास से कुछ ना होगा
उसे सबमें समान बाँटना होगा
एकता के नारों से कुछ ना होगा
पहले सबको एक मानना होगा
किसी एक की जित से कुछ ना होगा
जीत के अंगारों को सब में जलाना होगा
बुराई का विरोध करने से कुछ ना होगा
उसे समाज की जड़ से उखाड़ना होगा
खाली पढ़ने लिखने से कुछ ना होगा
हर किसीको आँख खोलकर समझना होगा
किसी एक के परिवर्तन से कुछ ना होगा
सबको परिवर्तित होकर अपनाना होगा
अकेले के जोश से कुछ ना होगा
हर एक को होश में जीना सीखना होगा
किसी एक के बलिदान से कुछ ना होगा
हर देशवासी को योगदान देना होगा
बस सोच से कुछ ना होगा
उसे जड़ोंतक उतारना होगा
- रानमोती / Ranmoti
एक गांभीर्यपूर्ण विचार... अच्छा शिर्शक..👍👍
ReplyDeleteजर का विकास समान वाटप झालं तर देश एका नंबरवर येईल जगात..
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