छोटीसी चीटियां
पाठ पढ़ाये बढ़िया
दिखती है कणभर
भागदौड़ करे दिनभर
हमारी बड़ी दुनिया
पर उस में बड़ी खुबिया
नहीं छिनती किसी से
जमाये अपने कर्मो से
मीठा मीठा दाना
उसने लक्ष है माना
इंसान देख न पाये
वो जो कर्म संजोये
अदम्य साहस दिल में
अमन उसकी सोच में
हाथी को रुलाये
अगर गुस्सा दिलाये
खतरा जब मंडराए
पल में संभल जाए
मृत्यु से ना घबराए
अपना धर्म निभाए
कभी ना होती सुस्त
हरदम दिखे चुस्त
आशियाना उसका गुप्त
पल में हो जाए लुप्त
पाठ पढ़ाये बढ़िया
दिखती है कणभर
भागदौड़ करे दिनभर
हमारी बड़ी दुनिया
पर उस में बड़ी खुबिया
नहीं छिनती किसी से
जमाये अपने कर्मो से
मीठा मीठा दाना
उसने लक्ष है माना
इंसान देख न पाये
वो जो कर्म संजोये
अदम्य साहस दिल में
अमन उसकी सोच में
हाथी को रुलाये
अगर गुस्सा दिलाये
खतरा जब मंडराए
पल में संभल जाए
मृत्यु से ना घबराए
अपना धर्म निभाए
कभी ना होती सुस्त
हरदम दिखे चुस्त
आशियाना उसका गुप्त
पल में हो जाए लुप्त
✍राणी अमोल मोरे
©Rani Amol More
मुंग्या खूप काही शिकवतात, ऊतक्रूष्ठ मांडनी.
ReplyDeleteबहुत खुब 👌
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