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Friday, July 24, 2020

शोहरत



शोहरत मिली मेहनत से
ना किसी की रहमत से
कहनेवाले तो बहुत मिले
हमने तो बस कर्म है पाले

कुछ ना होने का आक्रोश
हासिल करने का दे गया जोश
जिंदगी तू यूँ ना ऐसे मुकर
जो चाह है अब उसे पा गुज़र

हाथ में लेकर तलवार धैर्य की
गाथा लिख दी सफलता शौर्य की
सच्चाई का सदा साथ था मंत्र
ना किया कभी कपट या षड़यंत्र

पल पल संजोया कर्म से
आँखों में पनपते ख्वाब से
खूबसूरत बन गया था रास्ता
बस चलते रहने का था वास्ता

आखिर पहुँचे अपनी मंजिल
पार कर के कितने साहिल
तब जाना शोहरत पाने का सुख
साथ में उसे मिटने का दुःख

जिंदगी तूने जो है पाया
औरों को भी खूब है भाया
एक मन्नत गुजरने के बाद
शोहरत रहे सदा आबाद

- राणी अमोल मोरे

4 comments:

  1. Accurate analysis of ambitious person. Keep it up

    ReplyDelete
  2. Good one. Specially कुछ ना होने का आक्रोश
    हासिल करने का दे गया जोश
    जिंदगी तू यूँ ना ऐसे मुकर
    जो चाह है अब उसे पा गुजर

    ReplyDelete

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