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Friday, June 19, 2020

..इस वतन से



कसूर क्या था उनका
घर वापस आ ना सके
बहुत समझ ली दुनियादारी
उनका समर्पण समझ ना सके

ज़मीन की लालच में
दुश्मन हरपल डाले डेरा
सुरक्षित रहेगा देश हमारा
जब तक है जवानों का घेरा

विश्व में वर्चस्व के
लग रहे है नारे
आज लड़ रहे है चिनी
तो कल लड़ते थे गोरे

पूँछ लो एक दफ़ा
खुदही अपने दिल से
क्या सच में हमें
प्यार है इस वतन से

तो भूल जाओ सब
आपस का लढ़ना
शुरू करो मिलके
एक साथ जुड़ना

साथ रहेंगे हम उनके
जो सोचे इस देश का
मिटा देंगे हम उनको
जो साथ दे गद्दारों का

दिखा देंगे दुनियाँ को
ज़ोर करोडो भारतीयों का
ताकि उठ ना सके सिर
फिर कभी दुश्मनों का

- राणी अमोल मोरे

16 comments:

  1. Salute to the Indian Army..
    Good one

    ReplyDelete
  2. खूपच छान कविता !

    ReplyDelete
  3. खूपच छान कविता !

    ReplyDelete
  4. Need of the hour. Rightly defined. Love for the country.
    दिखा देंगे दुनियाँ को
    ज़ोर करोडो भारतीयों का
    ताकि उठ ना सके सर
    फिर कभी दुश्मनों का

    ReplyDelete
  5. Beautiful written, need of hour
    Jai Hind

    ReplyDelete
  6. सुंदर, अप्रतिम कविता.
    जय हिंद.....

    ReplyDelete
  7. हा हा सच मे हमे प्यार है वतन से “
    👌👌👌

    ReplyDelete
  8. जय हिंद

    ReplyDelete

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